दुनिया का नारा: बचाव ही इलाज है!
विश्व एड्स दिवस पर एक्सीलेंस कोचिंग एंड लाइब्रेरी बैतूल में जागरूकता कार्यशाला आयोजित
बैतूल: 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एक्सीलेंस कोचिंग एंड लाइब्रेरी, बैतूल में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में एड्स से संबंधित विस्तृत जानकारी और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता डॉ. राजा धुर्वे (एमसीआई के डायरेक्टर), डॉ. अरुण जयसिंगपूरे (सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर), डॉ. सुमित मदरेले, डॉ. प्रदीप बिहारिया, और एक्सीलेंस कोचिंग के डायरेक्टर डॉ. सोहन पंडोले सहित अन्य विशेषज्ञ उपस्थित रहे। उन्होंने इस जानलेवा बीमारी के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला की मुख्य बातें:
एड्स क्या है?
यह बीमारी एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) के संक्रमण से होती है। यह मुख्यतः संक्रमित रक्त, वीर्य, या स्तनपान के माध्यम से फैलता है।
लक्षण:
लगातार बुखार रहना
वजन का अकारण घटना
मुँह में घाव
गले और बगल में सूजन
त्वचा पर खुजली या चक्कते
संक्रमण के मुख्य कारण:
असुरक्षित यौन संबंध
दूषित सुई या संक्रमित रक्त का उपयोग
संक्रमित माँ से शिशु में संक्रमण
एड्स से बचाव के उपाय:
1. सुरक्षित यौन संबंध बनाना।
2. संक्रमित रक्त और सुई से बचाव।
3. गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियां।
4. नियमित जांच और सही समय पर दवाएं।
जागरूकता का उद्देश्य:
1988 में शुरू किए गए विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी/एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करना, जागरूकता फैलाना, और एड्स पीड़ितों की मदद के लिए समाज को प्रेरित करना है।
इस कार्यशाला में उपस्थित सभी ने इस बात पर जोर दिया कि एड्स से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। यह बीमारी छूने, गले मिलने या हाथ मिलाने से नहीं फैलती। काउंसलिंग और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
कार्यक्रम में विशेष सहयोग:
कार्यक्रम को सफल बनाने में Meditech Career Institute, Dr. Raja Dhurve Fans Club, और नेहरू एव पारते ट्राइबल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
संदेश:
"एड्स के प्रति जागरूक रहें, खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। बचाव ही इलाज है।"
— रिपोर्ट: बैतूल एक्सप्रेस