पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से होने वाले सामाजिक आर्थिक लाभों पर हुआ प्रशिक्षण
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अनुसूचित क्षेत्रों (आदिवासी समाज) की सामाजिक व्यवस्था के संरक्षण एवं संवर्धन हेतू कोई कानून नहीं बना था। वर्तमान में इनके संरक्षण हेतु बनाया गया कानून ही पेसा अधिनियम 2022 हैं। राज्य सरकार ने जनजाति समुदाय को जल, जंगल, जमीन पर पेसा कानून में अभूतपुर अधिकार दिए हैं। पेसा कानून की जमीनी सच्चाई बनाने के लिए तंत्र का सक्रिय और जन का सजग होना आवश्यक है। जिसके लिए संवेदनशील क्रियान्वन के साथ ही समाज की गति शक्ति को जोडऩे का प्रयास इस प्रशिक्षण के माध्यम से किया जा रहा है। उक्त बातें जन अभियान परिषद की जिला समन्वयक श्रीमती प्रिया चौधरी ने कही।
राज्य से सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण का निरीक्षण करने आये पेसा सेल सह समन्वयक द्वारा पेसा अधिनियम की संक्षिप्त पृष्ठभूमि ग्राम सभा की बैठक का संचालन एवं ग्राम सभा के अधिकार को विस्तारपूर्वक बताया। पेसा विकासखंड समन्वयक घोड़ाडोंगरी व चिचोली द्वारा प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्देश्य एवं ग्राम सभा गठन में नजरी नक्शे के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया। जन अभियान परिषद के सहयोग सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक एवं पेसा मास्टर ट्रेनर, पेसा विकासखंड समन्वयक मास्टर ट्रेनर आदि आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, प्रस्फुटन समिति अध्यक्ष सदस्य, पेसा अध्यक्ष सीएमसी एलडीपी छात्र, सचिव, रोजगार सहायक, पेसा मोबिलाइजर, जनपद सदस्य, नवांकुर संस्था ने उपस्थित रहकर प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागिता की। प्रशिक्षणार्थियों को पेसा कानून समझाने हेतु टैरो कार्ड खेल का भी उपयोग कर उन्हें समझाया गया। इसी के साथ घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में रानीपुर थाने से थाना प्रभारी प्रतिनिधि द्वारा भी शांति एवं वाद निवारण समिति के विषय में प्रशिक्षण दिया गया।
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