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भारत की संसद का 18 से 22 सितंबर तक चलने वाला विशेष सत्र आज से शुरू हो गया है।

भारत की संसद का 18 से 22 सितंबर तक चलने वाला विशेष सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र में सरकार चार बिल पेश करने वाली है, जिनमें से तीन आर्थिक विकास से संबंधित हैं और एक सामाजिक न्याय से संबंधित है। विपक्ष ने भी इस सत्र में चर्चा के लिए नौ मुद्दे तैयार किए हैं, जिनमें महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन और अग्निपथ योजना शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में संबोधन दे सकते हैं। उन्होंने सत्र की शुरुआत में कहा कि यह सत्र देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में सरकार देश की प्रगति और विकास पर चर्चा करेगी।

सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले चार बिलों में से पहला बिल आर्थिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए है। दूसरा बिल कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए है। तीसरा बिल युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए है। चौथा बिल सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए है।

विपक्ष ने इस सत्र में चर्चा के लिए नौ मुद्दे तैयार किए हैं। इनमें महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन और अग्निपथ योजना शामिल हैं। विपक्ष ने कहा कि वह इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगा।

संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों से सदन में शांति और अनुशासन बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि संसद देश की प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है और सभी सांसदों को इस मंच का सदुपयोग करना चाहिए।

यह संसद का 17वां विशेष सत्र है। इससे पहले, सरकार ने 2022 में एक विशेष सत्र बुलाया था, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पारित किया गया था।
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